🌟 जेजुरी
यात्रा गाइड
स्थान:
पुणे ज़िले का पुरंदर तहसील,
महाराष्ट्र
मुख्य आकर्षण: भगवान खंडोबा का प्रसिद्ध मंदिर
🔱 जेजुरी का परिचय
जेजुरी
को “सोने की जेजुरी”
भी कहा जाता है,
क्योंकि यहां भक्त हल्दी
(पीले रंग) की वर्षा
करते हैं — जिससे पूरी पहाड़ी पीली
चमकती है।
यहाँ
का मुख्य मंदिर भगवान खंडोबा (Khandoba / Malhari
Martand) को समर्पित है, जो महाराष्ट्र
के कई लोगों के
कुलदेवता हैं।
यह मंदिर एक ऊँची पहाड़ी
पर स्थित है और वहाँ
पहुँचने के लिए लगभग
200+ सीढ़ियाँ चढ़नी होती हैं।
मंदिर
की वास्तुकला हेमाडपंथि शैली की है,
जो पत्थरों से बनी मजबूत
संरचना होती है।
📜 धार्मिक व ऐतिहासिक महत्व
मान्यता
है कि भगवान खंडोबा
ने यहीं पर राक्षस
मणि और मल्ल का
वध किया था।
यह मंदिर मराठा इतिहास से भी जुड़ा
हुआ है — पेशवाओं और
मराठा राजाओं ने इसका विस्तार
और संरक्षण किया था।
1739 में,
पेशवाओं ने वसई विजय
के बाद पुर्तगालियों से
लाई गई चर्च की
घंटियाँ यहां स्थापित की
थीं।
🎉 उत्सव और मेलों का अनुभव
|
🗓️ उत्सव |
🌼 विशेषता |
📍 समय |
|
चंपा
षष्ठी |
सबसे
बड़ा उत्सव, भारी भीड़ |
मार्गशीर्ष
(Nov-Dec) |
|
सोमवती
अमावस्या |
हल्दी
(बांधारा) उत्सव, पूरा मंदिर पीला हो जाता है |
जब
अमावस्या सोमवार को आती है |
|
खंडोबा
यात्रा |
वार्षिक
मेला, नृत्य, भजन, ड्रम आदि |
चैत्र
/ माघ माह में |
|
गुरु
पूर्णिमा / नवरात्रि / महाशिवरात्रि |
धार्मिक
पूजा |
वर्ष
भर |
👉 इन दिनों
यहाँ जाना एक अलौकिक
अनुभव होता है, लेकिन
भीड़ बहुत होती है।
🛕 जेजुरी में क्या-क्या देखें?
खंडोबा
मंदिर (मुख्य मंदिर)
दीपस्तंभ
(lamp pillars) – मंदिर
के प्रांगण में विशाल दीप
स्तंभ
छत्री
मंदिर
होळकर
तालाब
पेशवा
तालाब
जानाई
देवी मंदिर
आसपास
की पहाड़ियों से सूर्योदय/सूर्यास्त
का नज़ारा भी अत्यंत सुंदर
होता है।
🧭 कैसे पहुँचे?
✈️ हवाई
मार्ग:
निकटतम
एयरपोर्ट: पुणे अंतरराष्ट्रीय हवाई
अड्डा (50–55 किमी)
वहां
से टैक्सी या बस उपलब्ध
होती हैं।
🚆 रेल मार्ग:
स्टेशन:
जेजुरी रेलवे स्टेशन (JJR), पुणे–मिरज लाइन
पर
कई लोकल और पैसेंजर
ट्रेनें यहाँ रुकती हैं।
🚌 सड़क मार्ग:
पुणे
से बसें और टैक्सियाँ
उपलब्ध हैं।
निजी
वाहन से जाना भी
सुविधाजनक है।
समय:
पुणे से लगभग 1.5 – 2 घंटे।
|
मौसम |
अनुभव |
सलाह |
|
अक्टूबर
– मार्च |
सबसे
अच्छा |
ठंडा
मौसम, आरामदायक चढ़ाई |
|
अप्रैल
– जून |
गर्मी |
धूप
तेज़, यात्रा कठिन |
|
जुलाई
– सितम्बर |
मानसून |
हरा-भरा वातावरण, सीढ़ियाँ फिसल सकती हैं |
|
त्योहारों
पर |
अद्भुत
माहौल |
पर
बहुत ज्यादा भीड़ होती है |
💡 ट्रैवल टिप्स (Manaatravel Blog के लिए उपयोगी)
पानी
और हल्का नाश्ता साथ रखें — चढ़ाई
में थकान हो सकती
है।
आरामदायक
जूते और कपड़े पहनें
– सीढ़ियाँ चढ़नी होती हैं।
सुबह
जल्दी जाएँ – धूप और भीड़
से बच सकते हैं।
स्थानिक
संस्कृति का सम्मान करें
– हल्दी फेंकने की प्रथा में
शांति बनाए रखें।
छोटा
बैग रखें – सीढ़ियों पर भारी सामान
लेकर चलना कठिन होगा।
मंदिर
समय और पूजा की
जानकारी पहले लें – भीड़
और पूजा समय अलग
हो सकता है।
स्थानीय
गाइड लें (अगर पहली
बार जा रहे हों)
— मंदिर के इतिहास और
प्रथा को अच्छे से
समझ सकते हैं।
फोटोग्राफी
के लिए समय निकालें
— हल्दी से रंगी हुई
हवा और मंदिर बहुत
सुंदर लगते हैं।
पर्यावरण
का ध्यान रखें – प्लास्टिक या कचरा इधर-उधर ना फेंकें।
आसपास
के अन्य मंदिर या
स्थान भी शामिल करें
– एक दिन की ट्रिप
को और रोमांचक बना
सकते हैं।
📷 फोटो/वीडियो
सुझाव:
हल्दी
(बांधारा) उड़ाते समय का फोटो
सीढ़ियों
से ऊपर का व्यू
मंदिर
का मुख्य दरवाज़ा और दीपस्तंभ
भक्तों
की हल्दी में रंगी हुई
भीड़
पहाड़ी
से नीचे का दृश्य
(aerial view)
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